वन-संरक्षण- संरक्षित वन सुरक्षित भविष्य
दोस्तों आज जहां
भारत को विश्व गुरु कहा जाता है वही यहां के लोग इसकी प्राकृतिक संपदाओं की रक्षा करने
में असमर्थ प्रतीत हो रहे हैं।
वन संरक्षण |
प्राचीन काल में
भारत को वनों का देश कहा जाता था क्योंकि विश्व में सर्वाधिक वन, वन्य-जीव व भिन्न-भिन्न प्रकार की जड़ी बूटियां यहां पाई
जाती थी लेकिन समय के साथ-साथ जनसंख्या बढ़ती गई और मानव ने स्वार्थ के लिए वनों की
कटाई शुरू कर दी। आज हालात यह है कि हमारे देश के नगरीय लोगों को वन और जंगल तो छोड़ो
पेड़ तक की पहचान नहीं है कि यह किस नाम का पेड़ है।
मानव ने अपने
स्वार्थ के लिए वनों को तो काटा मगर वन लगाने में असमर्थ रहा। वनों की कटाई का सबसे
बड़ा दुष्परिणाम तो यही हुआ की देश की जलवायु निरंतर खराब होती चली गई। आज हमारे देश
में सांस लेना भी दूभर हो गया है क्योंकि जब हम सांस लेते हैं तो कोई ना कोई रोगजनक
तत्व शरीर के अंदर चले ही जाते हैं।
वनों की कमी से
जलवायु पर तो बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है। अब से 30-40 साल पहले की ही बात करें तो साल में
निश्चित समय पर मानसून, समय पर गर्मी व समय पर ही सर्दी आ जाती थी लेकिन अब तो सब कुछ ही बदल गया है।
गर्मी सामान्य से अधिक पड़ रही है, सर्दी सामान्य से कम या अधिक होती रहती है परंतु सर्दियों में जो
कोहरा और धुंध पड़ती है वह पहले से बहुत ज्यादा मात्रा में और बहुत ज्यादा हानिकारक
होती जा रही है।
मानसून ने भी
तमाम वैज्ञानिक यंत्रों को फेल कर दिया है। कोई भी नहीं बता सकता कि कब कितनी बारिश
आ जाए। कभी सामान्य से अधिक तो कभी बहुत कम बारिश आ रही है। यही कारण है कि कहीं पर
पानी अधिक मात्रा में उपलब्ध है तो कहीं पर जल की भारी कमी है।
सरकार शुरुआत
से ही वनों के संरक्षण को लेकर गंभीर है। सरकार द्वारा कुछ कदम भी उठाए गए हैं जिनमें
से 1980 का वन संरक्षण अधिनियम भी एक है जिसमें वनों को बचाने के लिए कई अभियान चलाए
गए थे। उत्तराखंड का चिपको आंदोलन भी वन संरक्षण के लिए सबसे बड़ी क्रांति के रूप में
माना जाता है जिस में वनों की कटाई को रुकवाने के लिए लोग स्वयं पेड़ों से चिपक गए
थे।
इन सबके बावजूद
मै आपको बता दूं कि सरकार अभी भी वनों के संरक्षण में असफल है। सरकार खुद कई परियोजनाओं
जैसे सड़क घर आदि के लिए वन कटवा रही है। वह बात अलग है कि सरकार साथ के साथ पेड़ पौधे
लगा भी देती है लेकिन उतने नहीं लगा पाते जितने की काटे जाते हैं।
अभी उत्तर प्रदेशसरकार ने 15 अगस्त 2019 को एक ही दिन मे पूरे प्रदेश में लगभग 22 करोड़ पेड़ लगाने
की घोषणा की है। यदि ऐसा होता है तो यह अपने आप में एक विश्व रिकॉर्ड होगा।
सरकार वन बचाने
के लिए जितना कर सकती है उतना कर रही है लेकिन हम आम लोगों का भी कर्तव्य हैं कि सभी
लोग कम से कम एक पौधा जरूर लगाएं। आशा करता हूँ आपको मेरी बात पसंद आएगी।
धन्यवाद।