*कूलाम का नियम
कूलाम ने विद्युत
आवेशों के बीच आकर्षण या प्रतिकर्षण बल के बीच सन 1785 में एक संबंध दिया। कूलाम के
अनुसार "किन्हीं दो आवेशों के बीच लगने वाले आकर्षण या प्रतिकर्षण बल का मान उन
दोनों आवेशों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उन आवेशों के बीच की दूरी के वर्ग के
व्युत्क्रमानुपाती होता है।"अर्थात
K अनुक्रमानुपाती
नियतांक होता है। प्रयोगों से ज्ञात K का मान 9×109 N-m2/C2 होता है।
अब यदि दोनों
आवेश निर्वात में या वायु में हो तब K का मान 1/4πɛ0 होता है। जहां
ɛ0 निर्वात की
विद्युतशीलता कहलाती है। मान रखने पर यह सूत्र प्राप्त होता है।
वहीं यदि निर्वात
की जगह आवेशों को K परावैद्युतांक वाले माध्यम में रखे तो,
इस प्रकार हम
और भी कई मान इन सूत्रों से प्राप्त कर सकते हैं।
*ɛ0 का मान :
ɛ को परावैद्युत
की विद्युतशीलता कहा जाता है तब,
Yes
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