चीफ जस्टिस ऑफिस हुआ 'सुचना के अधिकार' में शामिल

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सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है जिसके अनुसार अब से सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश भी सुचना के अधिकार कानून के दायरे में आएंगे। यानी अब से मुख्य न्यायधीश के दफ्तर से कोई सुचना प्राप्त की जा सकती है। अब से सीजेआई कार्यालय भी सार्वजानिक प्राधिकरण के अंतर्गत आ जाएगा।

क्या है 'सुचना का अधिकार' ?

सुचना का अधिकार कानून-2005 के अनुसार कोई भी नागरिक उन सूचनाओं को जानने का अधिकार रखता है जो सांसदों , विधायकों या किसी अन्य को दी जा सकती हो। पहले कुछ राज्यों को छोड़कर किसी के पास सुचना का अधिकार नहीं होता था लेकिन 2005 से सुचना का अधिकार कानून बनने के बाद अब कोई भी किसी सूचना को जानने का अधिकार रखता है।


कौन-कौन है शामिल ?

सुचना क अधिकार कानून के दायरे में सभी सरकारी दफ्तर , प्रधानमंत्री कार्यालय , मुख्यमंत्री कार्यालय , और अन्य कई विभाग शामिल है। अब से सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश का कार्यालय भी इसमें शामिल हो जाएगा।

किस-किस को है सुचना का अधिकार ?

  • भारत का नागरिक होना चाहिए 
  • किसी कंपनी का मालिक न हो , उस कंपनी का कोई कर्मचारी RTI  दाखिल कर सकता है। 

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