केंद्र सरकार लगभग 70 साल पुराने 'प्रतीक एवं नाम कानून-1950 ' में संशोधन करने जा रही है। अगर सबकुछ प्लान के मुताबिक रहा तो संसद के शीतकालीन सत्र में ही सरकार इस कानून में बदलाव करने की कोशिश करेगी। उपभोक्ता मामलो के मंत्रालय ने कानून मंत्रालय की सहायता से इस पुराने कानून में बदलाव करने का ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है।
क्या है 'प्रतीक एवं नाम कानून -1950 ' ?
दरअसल यह एक 1950 में बनाया गया कानून है जिसके अंतर्गत अगर कोई कंपनी या अन्य व्यक्ति अपने निजी लाभ के लिए या गैरकानूनी तरीके से किसी के नाम या चित्र को प्रयोग करता है तो उससे जुर्माना लिया जाता है।इसके अंतर्गत 500 रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। अभी हाल ही में एक कंपनी के मोदी जी के चित्र का उपयोग करने के बाद सरकार ने इस मामले में कानून में बदलाव को मंजूरी दी है।
अब इस कानून में संशोधन के बाद इसमें जुर्माने की राशि और कैद का भी प्रावधान किया जायेगा। उपभोक्ता मामलो के मंत्रालय से प्राप्त सुचना के अनुसार कानून में संशोधन के बाद जुर्माने की राशि लगभग एक हज़ार गुना (5 लाख तक ) बढ़ा दी जायेगी। इसके साथ ही 6 माह तक की कैद का भी प्रावधान है।
पहली बार कानून की अवहेलना करने पर 1 लाख जुर्माने का प्रावधान किया जाएगा। यदि कोई दोबारा कानून का उल्लंघन करता है तो उस पर 5 लाख तक का जुर्माना और 3 से 6 महीने तक की कैद हो सकती है।
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