हाल ही में कनाडा में कुछ ऐसा घटित हुआ जिससे दुनिया भर के लोग लोकतन्त्र के महत्व को समझ रहे है। असली लोकतन्त्र किसे कहते है इसका मतलब कनाडा वासी अपनी सरकार को समझाते हुए नजर आ रहे है।
दरअसल हाल ही में कनाडा सरकार ने एक नियम की घोषणा की कि पड़ोसी देश से माल लेकर कनाडा में प्रवेश करने वाले ट्रक ड्राइवरों के लिए कोविड-19 की वैक्सीन लगवाना अनिवार्य है। इस नियम के विरोध में कनाडा के हजारों ट्रक ड्राइवर सड़कों पर उतर आए। उन्होंने राजधानी में प्रदर्शन किए, सड़के जाम कर दी और प्रधानमंत्री आवास का भी घेराव कर लिया। इन ट्रक ड्राइवरों के प्रदर्शन में वहां के आम लोग भी सहयोग दे रहे है। हालात ऐसे बने कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो को अपना घर छोड़ कर किसी गुप्त स्थान पर जाना पड़ा।
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अब काफी लोग सोचेंगे कि इसमें कोनसी बड़ी बात थी कि वैक्सीन लगवाना अनिवार्य कर दिया? दरअसल कनाडा के नागरिकों का कहना है कि 'अनिवार्य' शब्द का इस्तेमाल लोकतन्त्र के खिलाफ है। उनका कहना है कि कनाडा एक लोकतांत्रिक देश है। लोकतन्त्र जनता का शासन होता है न कि सरकार का। सरकार को कोई अधिकार नहीं है कि वो उस देश के नागरिकों पर किसी नियम का पालन करने करने का दबाव बनाए। उनका कहना है कि उनके शरीर पर केवल उनका अधिकार है ना कि सरकार का। सरकार उनके शरीर को किसी प्रयोग के लिए बाध्य नहीं कर सकती। सरकार का कार्य सुविधाएं देना है ना कि नागरिकों के साथ जबरदस्ती करना। वहां के नागरिकों का मत है कि उन्हें पता है कि कोविड से लड़ाई के लिए वैक्सीन लगवाना जरूरी है और कनाडा के 80 फीसदी से अधिक जनसंख्या वैक्सीन लगवा भी चुकी है। किन्तु कोई सरकार ये अनिवार्य करे कि आपको क्या करना है ये उनके लोकतान्त्रिक मूल्यों का हनन है।
वास्तव में वहां के नागरिकों के मत से आप भी सहमत होंगे। लोकतांत्रिक देश में सरकार का कार्य सुविधाएं देना होना चाहिए ना जनता पर दबाव डालना। लोकतन्त्र का अर्थ ही होता है जनता का शासन। ऐसे में जनता किसी और के कानूनों के आधार पर क्यों चले? प्रत्येक नागरिक को यह पता होना चाहिए कि उसके लिए क्या सही है और क्या गलत? कोई अन्य व्यक्ति केवल उनसे किसी कार्य को करने का आग्रह कर सकता है अथवा उस व्यक्ति को सही गलत है बारे में समझा सकता है। किन्तु वह उसे उस कार्य विशेष को करने के लिए बाध्य नहीं कर सकता।
भारत भी एक लोकतांत्रिक देश है। यहां पर भी रोजाना नियम बनाए जाते है जो उनके दैनिक व्यवहार पर सीधा असर डालते है। कई राज्यो में परीक्षाओं में बैठने के लिए छात्रों को वैक्सीन लगवाना अनिवार्य कर दिया है। किन्तु भारत के लोगो को लोकतन्त्र की समझ शायद नहीं है। सरकार नियम बनाती रहती हैं और आप आंख बंद करके उनको फॉलो करते रहते हो , ये जाने बिना ही कि वो आपके लिए सही है भी या नहीं। वास्तव में सरकार कोई नियम आपके ऊपर थोप नहीं सकती इतनी समझ किसी लोकतान्त्रिक देश के नागरिकों को होनी चाहिए। सरकार का काम है वैक्सीन उपलब्ध कराना, लगवाना ना लगवाना वहां के लोगों के हाथ में होना चाहिए।
वास्तव में भारतीय लोग जिस दिन लोकतन्त्र का अर्थ केवल वोट डालना ना समझकर अपने लिए स्वतंत्रता से भी समझने लगेंगे तभी से भारत में असली लोकतन्त्र का उदय होगा।